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क्षमा

         क्षमा चलो मिलजुल क्षमा के पुष्प खिलाएं सर्वत्र फैली नफरत के हम शूल हटाएं, क्षमा के प्रभाव से कुछ ऐसा कर जाएं, दुश्मन  को भी गले  लगाकर दोस्त बनाएं सुन्दर शब्द -सृजन  ये जितना, उतना ही सुन्दर इसका होना क्षमा बनाती है निर्मल सबके मन  मंदिर का हर एक कोना। क्षमा याचना और क्षमा दान से आओ विशाल व्यक्तित्व बनाएं अहंकार का रोग हटाकर क्षमाशील का अस्तित्व बताएं। चलो , हम सब क्षमा दिवस मनाएँ करें एक दूजे को दिल से क्षमा कूड़ा कचरा जो हो दिल मे भरा उसे हटा,क्षमावृक्ष  लगाएं हरा-भरा             !! साधना मिश्रा "लखनवी"!!