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Showing posts from June, 2018
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.... मैं चुप क्यूँ?.... .    लोग अचंभित पूछ रहे है, मै अब चुप क्यूँ रहती हूँ? कौन सुनेगा किसको सुनाये मन का दर्द किसे बतलायें .......अपने हमसे रूठ ना जाये इसलिये अब चुप रहती हूँ। ...... सुनने और सुनाने वाले        जो भी प्यारे रिश्ते थे, नोंक झोंक में जैसे भी हों, पर वो ही रिश्ते सच्चे थे। अब तो केवल नाम के रिश्ते,    नाते रिश्ते या हो बच्चे टूट ना जाये कच्चे धागे टुकड़े दिल के किसको दिखाये इसलिये  अब चुप रहती हूँ। ......आज खुशी कि इस मेहफिल मे       अपना जी भर आया है, गम कि कोई बात नही है हमेँ खुशी ने रूलाया है आँख से आँसु बह ना जाये इस लिये अब चुप रहती हूँ। अगर आपको मेरा ये लेख अच्छा लगा हो तो मेरे ब्लॉग पे सब्सक्राइब करें ऐसे ही और लेख और कविताओं के लिए, साथ ही अपने विचार मेरे कमेंट बॉक्स पे ज़रूर दीजिये! आपकी साधना!  Attachments a rea

जैसा देश। वैसा वेश

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एक विचारणीय लेख..... मेरा ये लेख मेरी सभी उन महिलाओं, सहेलियों, बेटियों बहुओं के लिए जिन्हें अक्सर सुनना पड़ताहै कि ..... "अरे वो बहुत स्वतंत्र है,और एडवांस है ,,क्यों?अरे उसके ससुराल में उसे सलवार सूट,जीन्स, स्कर्ट पहनने की पूरी आज़ादी है ,,,,,,,अक्सर ये बातें दो महिलाओं के बीच आपने सूनी होगी,,,,, मैंने भी बहुत सूनी ,,,,,इसलिए आज इस पर ही लिख रही हूँ, क्या स्वतंत्रता , आज़ादी का मतलब हम महिलाओं के कपड़े पहनने से है ,? क्या जीन्स,सलवार सूट पहनी महिलाएं या लड़की ही स्वतंत्र होती है ,एडवांस होती है साड़ी पहनी महिला नहीं ??????? मेरे हिसाब से....... जैसा देश। वैसा  वेश     यदि आप समझदारी के साथ स्वतंत्र हैं तो फिर किसी भी आयु में आप मनचाही ड्रेस सलीके से  पहन सकती है और सबकी खुश भी रख सकती हैं। आज़ादी वह है जहाँ आपके खुद के शौक को पूरा करने की स्वतंत्रता है आज़ादी वो है जहाँ आप अपने दिल की बात अपनों से करते है आज़ादी वो है जहाँ आपको समझने के लिए आपके अपने हैं। आज़ादी वो है जहां आप अपने लिए ,अपनो के लिए समय निकाल पाते हो  उनके लिए क